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कार्यालय वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक स्पेशल टास्क फोर्स, देहरादून

उत्तराखंड। देश में वन्य जीव अंगो की अवैध तस्करी में लिप्त तस्करों की अवैध गतिविधियों की रोकथाम व धरपकड़ हेतु पुलिस महानिदेशक  अभिनव कुमार उत्तराखंड पुलिस द्वारा एसटीएफ को कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए थे। जिसके अनुक्रम में ’एसएसपी एसटीएफ  नवनीत भुल्लर द्वारा अपनी टीमों को स्पष्ट निर्देशित किया गया है की वन्य जीवों की तस्करी में संलिप्त प्रत्येक तस्कर की कुंडली तैयार कर उनके खिलाफ कठोर कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।

इसी क्रम में उत्तराखंड एसटीएफ को डब्ल्यूसीसीबी दिल्ली से वन्य जीव तस्करी की सूचना मिलने पर आज जनपद उत्तरकाशी के पुरोला क्षेत्र से 01 वन्यजीव तस्कर को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से 02 अदद लेपर्ड की खाल( जिनकी लम्बाई क्रमश: लगभग 06 फीट और 08 फीट) बरामद किए गए।

उक्त मामले में एसपी एसटीएफ  चन्द्रमोहन सिंह द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया कि उत्तराखण्ड एसटीएफ को डब्ल्यूसीसीबी दिल्ली से मैनुवली सूचना मिली थी कि पुरोला उत्तरकाशी क्षेत्र में वन्य जीव जन्तुओं के अंगो तथा खाल की अवैध तस्करी हो रही है, जिसे उत्तराखण्ड एसटीएफ द्वारा अपने स्थानीय सूत्रों से मेैनुवली डेवलप किया गया जिस पर आज लीसा भण्डार पुरोला को जाने वाले तिराहे के पास से एक व्यक्ति को गिरप्तार किया गया है जिसने अपना नाम बृजमोहन पुत्र जनक सिंह बताया और उसके कब्जे से 02 लेपर्ड की खाल जिनकी लम्बाई क्रमश: 06 फीट तथा 08 फीट लगभग पायी गयी है।

लेपर्ड को वन्यजीव जन्तु संरक्षण अधिनियम की पहली अनुसूची में रखा गया है इसका शिकार करना एक गम्भीर अपराध है, पकड़े गये तस्करों के विरुद्ध थाना पुरोला उत्तरकाषी में वन्यजीव अधि0 (वाइल्ड लाइफ एक्ट) के तहत मुकदमा पंजीकृत कराया गया है।

पुलिस अधीक्षक एसटीएफ  चन्द्रमोहन सिंह द्वारा बताया गया कि अभियुक्त से पूछताछ में मिली जानकारी के अनुसार एसटीएफ द्वारा इस मामले मेें गहनता से छानबीन की जा रही है और यदि इस मामले में अन्य किसी व्यक्ति की संलिप्तता मिलती है तो उसके विरूद्ध कार्यवाही सुनिष्चित की जायेगी। वन विभाग से भी जानकारी की जा रही है।

एसएसपी एसटीएफ ने जनता से अपील की है कि वह वन्यजीवों की तस्करी करने वाले तस्करों के विरूद्व कार्यवाही हेतु तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या एसटीएफ उत्तराखण्ड (0135-2656202) से सम्पर्क करें। उत्तराखंड एसटीएफ आगे भी वन्यजीव तस्करों के विरुद्ध कार्यवाही करती रहेगी, ताकि सीधे-साधे व बेजुबान जानवरों के शिकार पर प्रभावी अंकुश लगाया जा सके।

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