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बाबा अमरीक का दाहिना हाथ संजय गुप्ता गिरफ्तार

देहरादून। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून द्वारा सभी थाना प्रभारियों को धोखाधड़ी के अपराधों में लिप्त अपराधियों के विरुद्ध प्रभावी कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया है, जिसके क्रम में थाना राजपुर में पंजीकृत मु0अ0सं0- 76/24 धारा 420/406/467/ 468/471/120(इ) आईपीसी बनाम संजीव कुमार, संजय गुप्ता आदि जिसमें अभियुक्तों द्वारा वादी श्री गोविंद सिंह पुंडीर को भूमि विक्रय करने के एवज में धोखाधड़ी कर करोड़ों रुपए हड़प लिए गए थे तथा अभियोग पंजीकृत होने के बाद से ही अभियुक्तगण लगातार फरार चल रहा थे।

अभियोग में पुलिस द्वारा प्रभावी कार्यवाही करते हुए पूर्व में दिनांक: 14-07-24 को गिरोह के सदस्य मौ0 अदनान पुत्र स्व0 मौ0 गुफरान को सहारनपुर, दिनांक: 19-07-24 को अमजद अली पुत्र यूनुस अली, शरद गर्ग पुत्र संजीव गर्ग, साहिल पुत्र संजय कुमार को उत्तर प्रदेश व हरियाणा से तथा अभियुक्त रणवीर को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। उक्त अभियोग पुलिस द्वारा गिरोह का सरगना बाबा अमरीक को दिनांक 20/09/24 को हिमाचल प्रदेश से गिरफ्तार किया गया था।

अभियोग में वांछित 02 अन्य अभियुक्तों संजीव कुमार तथा संजय गुप्ता के विरुद्ध पूर्व में मा0 न्यायालय से गैर जमानती वारंट प्राप्त कर गिरफ्तारी के प्रयास किए गए परंतु अभियुक्तगण के लगातार फरार रहने पर पुलिस द्वारा अभियुक्तों के विरुद्ध 82 सीआरपीसी की कार्यवाही हेतु मा0 न्यायालय से आदेश प्राप्त करते हुऐ दिनाँक 28/07/24 को उनके यमुनानगर हरियाणा स्थित घर पर नोटिस तामीली की कार्रवाई की गई, किंतु उपरोक्त दोनों अभियुक्त लगातार फरार चल रहे थे। जिन पर एसएसपी देहरादून द्वारा 10 हज़ार का ईनाम घोषित किया गया था, फरार अभियुक्तों की गिरफ्तारी हेतु प्रयासरत पुलिस टीम द्वारा आज दिनांक 23/09/24 को सुरागरसी पतारसी करते हुए मुखबिर की सूचना पर कचहरी परिसर देहरादून से अभियुक्त संजय गुप्ता को गिरफ्तार किया गया, अभियुक्त संजय गुप्ता मा० न्यायालय में आत्मसमर्पण करने की फिराक में था।

पूछताछ में अभियुक्त द्वारा बताया गया कि उसके द्वारा अपने गिरोह के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर लोगों को जमीन दिलाने के एवज में उनके साथ धोखाधडी की जाती है, अभियुक्तों द्वारा लोगों को सस्ते दामों में जमीन बेचने का लालच देकर अपने पास बुलाया जाता है तथा लोगों का विश्वास जीतने के लिये बाबा अमरीक की मदद से जमीन की मिट्टी को उठाकर उसे सूंघते हुए लोगों को उक्त जमीन उनके लिये उपयुक्त होने का विश्वास दिलाया जाता है तथा उनसे उक्त जमीन के एवज में मोटी धनराशि लेने के बाद तरह-तरह के बहाने बनाकर जमीन की रजिस्ट्री करने के लिये बार-बार समय लिया जाता है तथा मौका देखकर सभी अभियुक्त वहां से फरार हो जाते हैं और नये ग्राहक की तलाश करने लगते हैं। अभियुक्तों द्वारा अब तक विभिन्न राज्यों में कई लोगों से अरबो रू0 की धोखाधडी की गई है, जिसके सम्बन्ध में उनके विरूद्ध अलग-अलग राज्यों में धोखाधडी के डेढ दर्जन से अधिक अभियोग पंजीकृत हैं।