हल्द्वानी। केन्द्रीय सड़क परिवहन राज्य मंत्री अजय टम्टा ने शुक्रवार को सर्किट हाउस काठगोदाम में सरकार के 100 दिन पूर्ण होने पर प्रेस वार्ता कर केन्द्र सरकार द्वारा आमजनमानस के लिए जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे विस्तृत जानकारी दी। टम्टा ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के 100 दिन पूरे होने पर सामाजिक ढॉचे पूर्ण करने हेतु 100 दिनों मे 15 लाख करोड के निवेश पूर्ण कर लिए है।
उन्होंने कहा अल्मोडा -बागेश्वर रोड में लगभग 4.50 करोड केे पहले पैकेज का काम शुरू किया है साथ ही काठगोदाम से नैनीताल को टू लेन करने जा रहा है तथा ज्योलिकोट से भवाली कैची बाईपास होते हुए अल्मोडा से रानीखेत पाडूखोला होते हुए कर्णप्रयाग तक तथा अल्मोडा से पनार तक टू लेन किया जायेगा। वही धारचूला से गुंजी तक टू लेन लगभग उत्तराखण्ड की सभी एनएच की रोड का टू लेन किया जाना है। टम्टा ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग-09 के 58 किलोमीटर में एक लेन/इंटरमीडिएट लेन से दो लेन चौड़ीकरण का कार्य रू0 384.00 करोड़ की लागत से दिनांक 07.09.2024 को अवार्ड कर दिया गया है।
जिससे लिपुलेख से माउंट कैलाश के दर्शन सुगम हो जायेंगे । चीन बॉर्डर की सीमावर्ती कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिलेगा इसके अलावा वहा सामाजिक एवं आर्थिक विकास को भी बढावा मिलेगा और इससे रोजगार में भी वृद्धि होगी। कार्य के निर्माण की अवधि 2 वर्ष रखी गयी है।
चारधाम परियोजना के अन्तर्गत केदारनाथ एवं यमुनोत्री को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग के सड़क निर्माण के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित उच्चाधिकार प्राप्त समिति (एचपीसी) से दिनांक 12.07.2024 को हरी झंडी मिल गयी है। इससे यमुनोत्री में 25.08 किलोमीटर में 2-लेन चौड़ीकरण का कार्य कराया जा सकेगा तथा केदारनाथ में शेष 13 किलोमीटर को दो लेन में चौड़ा किया जायेगा।
चारधाम परियोजना के अन्तर्गत चम्पावत बाईपास दो लेन पेव्ड शोल्डर सहिल 9.85 किलोमीटर लम्बाई में रु0 307.00 करोड लागत की डीपीआर प्रगति में है। सुप्रीम कोर्ट के द्वारा गठित ओवरसाइट समिति द्वारा दिनांक 10.07.2024 को इस कार्य की स्वीकृति मिली है। इससे चम्पवात शहर में यातायात भीडभाड से राहत मिलेगी। कार्य की स्वीकृति का लक्ष्य दिसबर 2024 रखा गया है।
चारधाम परियोजना के अन्तर्गत ऋषिकेश बाईपास चार लेन 10.88 किलोमीटर लम्बाई में रू0 1414 करोड लागत की डीपीआर प्रगति में है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित ओवरसाइट समिति दवारा दिनांक 10.07.2024 को स्वीकृति मिली है। इससे ऋषिकेश शहर एव चारधाम यात्रियों को यातायात भीडभाड से राहत मिलेगी। कार्य की स्वीकृति का लक्ष्य दिसंबर 2004 रखा गया है। चारधाम मार्ग पर हो रहे भूस्खलन क्षेत्रों के उपचार कार्य अवार्ड किये जा चुके है। कार्य पूर्ण करने की अवधि 12 माह से 18 माह रखी गई है।
मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों में, कुल ₹15 लाख करोड़ के निवेश के साथ कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए, जिनका उद्देश्य कृषि, बुनियादी ढांचे और सामाजिक कल्याण को मजबूत करना है। पीएम किसान निधि के 17वी किश्त के तहत 9.3 करोड़ से अधिक किसानों को ₹ 220,000 करोड़ वितरित किए गए, जिससे किसानों की वित्तीय स्थिति में सुधार हुआ है। सत्र 2024-25 के लिए खरीफ फसलों के एम0एस0पी0 में बढ़ोतरी की गई है, जिससे किसानों को लगभग ₹ 2 लाख करोड़ मिलेंगे। इसके साथ ही, खेती को आधुनिक बनाने के लिए डिजिटल कृषि मिशन की योजना बनाई गई है।
नारी शक्ति के सशक्तिकरण के लिए इस साल के बजट में रू0 3 लाख करोड़ आवंटित किए गए है। महिला उद्यमियों के लिए मुद्रा लोन की सीमा रू0 10 लाख से बढ़ाकर रू0 20 लाख कर दी गई है। स्वास्थ्य क्षेत्र में भी बड़ा कदम उठाते हुए 75,000 नई मेडिकल सीटों की घोषणा की गई है और तीन प्रमुख कैंसर दवाओं पर कस्टम ड्यूटी माफ कर दी गई। सड़क, रेल, बंदरगाह और हवाई मार्गो की कनेक्टिविटी को मजबूत करने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए रू0 3 लाख करोड़ की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को मंजूरी दी गई।
सामाजिक कल्याण के लिए, प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान के तहत 63,000 गांवों में आदिवासी समुदाय के रू0 5 करोड़ लोगों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को सुधारने का लक्ष्य रखा गया है। देशभर में 405 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों में रू0 1.23 लाख से अधिक छात्रों के दाखिले हुए है। । प्रधानमंत्री आवास योजना (पी0एम0ए0वाई) के तहत ₹5.36 लाख करोड़ की सहायता से 3 करोड से अधिक नए घरों का निर्माण किया जाएगा।
कर-मुक्त आय की सीमा बढ़ाकर ₹ 7 लाख कर दी गई है, यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यू0पी0एस0) के तहत 23 लाख केंद्रीय कर्मचारियों के लिए 50 प्रतिशत पेंशन की गारंटी दी गई है और वन रैंक वन पेंशन (ओ0आर0ओ0पी0) योजना का पुनरीक्षण किया गया है।
70 साल से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को आयुष्मान भारत योजना के तहत ₹5 लाख सालाना स्वास्थ्य कवर मिलेगा। पीएम सूर्य घर योजना के तहत 3.5 लाख घरों में सौर ऊर्जा प्रणाली स्थापित की गई है। सड़क परिवहन मंत्रालय ने अपने 100 दिनों के कार्यकाल में 8 प्रमुख हाई-स्पीड कॉरिडोर और रिंग रोड परियोजनाओं की शुरुआत की है, जिनमें आगरा-ग्वालियर, खरगपुर-मोरेग्राम, धराड़ मेहसाणा-अहमदाबाद, अयोध्या रिंग रोड, पाथलगांव-गुमला, कानपुर रिग रोड, गुवाहाटी रिंग रोड और नासिक फाटा-खेड एलिवेटेड कॉरिडोर शामिल हैं।
इन परियोजनाओं से देश के विभिन्न हिस्सों में यात्रा समय में 50 प्रतिशत से 60 प्रतिशत तक की कमी आएगी, ट्रैफिक की क्षमता में वृद्धि होगी और लॉजिस्टिक्स लागत में कमी आएगी। साथ ही, इनका उद्देश्य कुल मिलाकर रू0 5 करोड़ से अधिक मानव-दिनों का रोजगार सृजन करना है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा। इन परियोजनाओं से न केवल यात्रा को सुगम बनाया जाएगा, बल्कि औद्योगिक और वाणिज्यिक कनेक्टिविटी भी मजबूत होगी।
सड़क परिवहन मंत्रालय की प्रमुख उपलब्धियों में रू0 5,000 करोड़ की लागत से 215 किमी की नई परियोजनाओं की स्वीकृति दी गई है, जिनमें कर्नाटक, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, और राजस्थान में बाईपास और सड़कों का विस्तार शामिल है। इसके अलावा, 219 किमी हाई-स्पीड कॉरिडोर संचालन के लिए तैयार हैं, जिससे देश में हाई-स्पीड कॉरिडोर की कुल लंबाई 2,357 किमी0 हो गई है। ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (जी0एन0एस0एस0) के तहत बैरियर-फ्री टोलिंग के लिए पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है।
सडक दुर्घटना पीड़ितों के लिए कैशलेस उपचार योजना असम और चंडीगढ़ में पायलट रूप में लागू है। स्वचालित यातायात प्रबंधन प्रणाली (ए0टी0एम0एस0) को 428 किमी राष्ट्रीय राजमार्गो पर लागू किया गया है और अगले 5 वर्षों में इसे सभी हाई-स्पीड कॉरिडोर पर लागू करने की योजना है। ब्लैकस्पॉट्स में सुधार, वाहन स्क्रैपिंग नीति के तहत 46,000 वाहन स्क्रैप किए गए, और आर0टी0ओ0 की 12 सेवाओं को ऑनलाइन कर दिया गया है, जिससे नागरिकों को सुविधाजनक और पारदर्शी सेवाएं मिल रही है। टम्टा ने कहा कि इन सभी परियोजनाओं के माध्यम से हम न केवल यात्रा के समय को कम कर रहे हैं, बल्कि सम्पूर्ण देश में रोजगार के लाखों अवसर भी प्रदान कर रहे है। यह सब प्रधानमंत्री जी के नए भारत के सपने को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।